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Thursday, August 9, 2012

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परमाणु क्षमता वाली 'अग्नि-2' मिसाइल का सफल परीक्षण

बालेश्वर (ओडिशा): भारत ने अपनी मिसाइल क्षमता बढ़ाते हुए मध्यम दूरी की परमाणु क्षमता वाली 'अग्नि-2' मिसाइल का ओडिशा के व्हीलर आईलैंड से सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। इस मिसाइल की मारक क्षमता 2,000 किलोमीटर होगी।

रक्षा सूत्रों ने कहा, सतह से सतह पर मार करने वाली इस मिसाइल का परीक्षण समन्वित परीक्षण रेंज (आईटीआर) से गुरुवार सुबह आठ बजकर 48 मिनट पर सचल प्रक्षेपक से किया गया। इस प्रक्षेपण को पूरी तरह सफल बताते हुए आईटीआर के निदेशक एमवीकेवी प्रसाद ने कहा, स्वदेश-निर्मित मिसाइल के परीक्षण के दौरान सभी मिशन मानकों को पूरा किया गया।

इंटरमीडिएट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल (आईआरबीएम) 'अग्नि-2' को सेवा में पहले ही शामिल कर लिया गया है और गुरुवार का परीक्षण सेना की रणनीतिक बल कमान (एसएफसी) ने किया, जबकि इसके लिए साजो-सामान रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने मुहैया कराया। डीआरडीओ के एक वैज्ञानिक ने कहा कि 2,000 किलोमीटर की रेंज वाली इस मिसाइल को सैन्य बल प्रशिक्षण अभ्यास के तौर पर पहले ही शामिल कर चुके हैं और यह देश के हथियार जखीरे में शामिल है।

उन्होंने कहा कि दो चरणों वाली यह मिसाइल उन्नत उच्च नौवहन प्रणाली से सुसज्जित है, जो भू-कमांड एवं नियंत्रण प्रणाली से निर्देशित होगी। परीक्षण के पूरे पथ पर अत्याधुनिक राडारों, टेलीमेट्री निरीक्षक स्टेशन, इलेक्ट्रो-ऑप्टिक उपकरणों और प्रभाव स्थल के नजदीक लगे नौसेना के जहाजों ने इस पर निगाह रखी। 20-मीटर लंबी 'अग्नि-2' दो चरणों वाली ठोस प्रणोदक बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसका भार 17 टन है और 2,000 किलोमीटर से अधिक दूरी तक 1,000 किलोग्राम भार ले जाने में सक्षम है।

सूत्रों ने कहा कि अत्याधुनिक 'अग्नि-2' मिसाइल का विकास उन्नत प्रणाली प्रयोगशाला ने डीआरडीओ की अन्य प्रयोगशालाओं के साथ मिलकर किया था, और भारत डाइनामिक्स लिमिटेड, हैदराबाद ने इसमें सहयोग किया। 'अग्नि-2' मिसाइल अग्नि शृंखला की मिसाइलों का हिस्सा है, जिनमें 700 किलोमीटर मारक क्षमता वाली 'अग्नि-1', 3,000 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम 'अग्नि-3', 'अग्नि-4' और 'अग्नि-5' शामिल हैं।

'अग्नि-2' मिसाइल का पहला प्रारूप 11 अप्रैल, 1999 को तैयार हुआ था। व्हीलर आईलैंड से 19 मई, 2009 को हुए पहले परीक्षण और 23 नवंबर, 2009 को हुए रात्रि परीक्षण में यह सभी मानकों पर खरा नहीं उतरा था। इसके बाद 30 सितम्बर, 2011 को हुए परीक्षण सहित इसी जगह से हुए अन्य सभी परीक्षण सफल रहे थे।

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Author: Ankit Sexena
Ankit Sesena is the founder of STC Network which offers Web Services and Online Business Solutions to clients aroundeRead More →

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